Nojoto: Largest Storytelling Platform

वो भौंक रही है भौंक रही है, हालत पर अपनी भौंक रही

वो भौंक रही है भौंक रही है, हालत पर अपनी भौंक रही है।

मार रहा था लात कोई, कोई पत्थर उसपर फेंक रहा था।
नाले पर सेहमा पिल्ला उसका, माँ की राहें ताक रहा था।

एक भाई पड़ा था कूड़े पर, एक सड़क किनारे गिरा पड़ा।
एक यही अभागा बचा है अब, कोने पर कबसे पड़ा पड़ा।

ये देखके भी अंधे हम सब, न रहा यहाँ इंसान कोई।
धुत्कारों के तीर इन्हीं पर, क्यों मिला नहीं कमज़ोर कोई?

सड़क आज सुनसान बड़ी है, माँ बच्चों की लाश पड़ी है।
झूठ मूठ की आह! भर रहे, अब जाकर ये बात बड़ी है।

वो भौंक रही थी , भौंक रही थी, हालत पर अपनी भौंक रही थी।

 #NojotoQuote वो भौंक रही थी।
hindikavitakoshblog.blogspot.com
वो भौंक रही है भौंक रही है, हालत पर अपनी भौंक रही है।

मार रहा था लात कोई, कोई पत्थर उसपर फेंक रहा था।
नाले पर सेहमा पिल्ला उसका, माँ की राहें ताक रहा था।

एक भाई पड़ा था कूड़े पर, एक सड़क किनारे गिरा पड़ा।
एक यही अभागा बचा है अब, कोने पर कबसे पड़ा पड़ा।

ये देखके भी अंधे हम सब, न रहा यहाँ इंसान कोई।
धुत्कारों के तीर इन्हीं पर, क्यों मिला नहीं कमज़ोर कोई?

सड़क आज सुनसान बड़ी है, माँ बच्चों की लाश पड़ी है।
झूठ मूठ की आह! भर रहे, अब जाकर ये बात बड़ी है।

वो भौंक रही थी , भौंक रही थी, हालत पर अपनी भौंक रही थी।

 #NojotoQuote वो भौंक रही थी।
hindikavitakoshblog.blogspot.com
jatinjoshi2727

jatin joshi

New Creator

वो भौंक रही थी। hindikavitakoshblog.blogspot.com