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तुम्हें तो पता चल ही रहा होगा, किस कदर मायूसियों क

तुम्हें तो पता चल ही रहा होगा, किस कदर मायूसियों का आलम है। हर तरफ बर्बादियों का मंजर है। एक महामारी ने, दूसरे आतताई धूर्त पड़ोसी ने हमारे देश को परेशान किया ही है, रहा सहा रोज आने वाले तूफान और भूकंप ने जनजीवन अस्त-व्यस्त कर दिया है।हम भूल ही गए हैं कि खुशहाल जीवन कैसा था।
            आने वाले पल, हमें तुमसे बहुत उम्मीद है। अकेले मत आना। जब आना तो अपने साथ फिर से पहले जैसी दुनिया लेकर आना।हंसते खिलखिलाते चेहरे, गुलज़ार भागती दौड़ती सड़कें, दौड़ते-भागते शोर मचाते बच्चों की आवाजें , रोज़ स्कूल जाने की मुहिम, दोस्तों से मिलने का उत्साह, बाजारों की रौनक और मेरे किसानों की लहलहाती फसल साथ लेकर आना।
उम्मीद में...... #yolewrimo में आज अपने #आनेवालेपल को एक ख़त लिखें।
#letters  #YourQuoteAndMine
Collaborating with YourQuote Didi
तुम्हें तो पता चल ही रहा होगा, किस कदर मायूसियों का आलम है। हर तरफ बर्बादियों का मंजर है। एक महामारी ने, दूसरे आतताई धूर्त पड़ोसी ने हमारे देश को परेशान किया ही है, रहा सहा रोज आने वाले तूफान और भूकंप ने जनजीवन अस्त-व्यस्त कर दिया है।हम भूल ही गए हैं कि खुशहाल जीवन कैसा था।
            आने वाले पल, हमें तुमसे बहुत उम्मीद है। अकेले मत आना। जब आना तो अपने साथ फिर से पहले जैसी दुनिया लेकर आना।हंसते खिलखिलाते चेहरे, गुलज़ार भागती दौड़ती सड़कें, दौड़ते-भागते शोर मचाते बच्चों की आवाजें , रोज़ स्कूल जाने की मुहिम, दोस्तों से मिलने का उत्साह, बाजारों की रौनक और मेरे किसानों की लहलहाती फसल साथ लेकर आना।
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