सबेरे-सबेरे आया तूफान सा,बादलों की फौज लिए गमों का कारवाँ! बदल सा गया है जिन्दगी ढलने लगा,बिखङते सांसोंका सिलसिला!! करवटें ख्वाब ने बदले कई सुनसान राहों में,थमती नहीं है हवाएँ! निकल सा गयाहै कोई आगे-आगे,कोईतो मिला बिछङा काफिला!! तूफान है जो तेज है,हवाएँ रूकती नहीं,बताएँ कोई इसे रोकूं कैसे! बदल सा गया है जो पहचाना सा डगर था,कोई रोक दे सिलसिला!! रंगरेज सा हुआ जिन्दगी है,खुद को समझ रहा हूं खुद को रंग-रंग के! मचल सा गया हूं यह मेरा तो सफर था,कैसे रोकु अपना काफिला!! सबेरे-सबेरे करता कोशिशें हूं,तूफान थमतो जाए,थोरा बदलतो जाए! फिसलने लगा हूं,फिसलन सी जमीं है,कोई समझाए मुझे माजङा!! होते सुबह पता लगाऊँ कैसे,तूफान कैसे आया,कैसा गमों का साया! निकल गया है राहें मुझको बिन बताए,बढता ही जाता है फासला!! सबेरे-सबेरे कोई बदलने लगा है,है तूफान तो हवाएँ चलने लगा है! जलने सा लगा है जो था बुझता दिया,कैसे कहूं कैसा है सिलसिला!! सबेरे-सबेरे आया तूफान सा Aaruhi singh ( neha) Prince 💔8009062952💔