इससे पहले भी मैं लिखता था, पर लिखावट में जो निखार आया है , वह इस कारवां का हिस्सा बननेका नतीजा है। शुक्रगुजार हूं मैं उन सारे लोगों का जिन्होंने मुझे प्रेरित किया है और उस दोस्त का भी जो मुझे यहां तक ले आया। Love to all...😘😘😘😘 किसी शायर ने ख़ूब कहा है। मैं अकेला ही चला था जानिबे-मंज़िल मगर लोग साथ आते गए और कारवां बनता गया.. मगर ये कारवां उस एक व्यक्ति की बदौलत नहीं बना है, कारवां लोगों की बदौलत है। योरकोट का कारवाँ जो 1 मिलियन को पार कर गया है। ये सब आप के प्रेम, स्नेह व त्याग की बदौलत है। आप सब का हृदय से धन्यवाद। आइये इस उपलब्धि का जश्न मनाएं। योरकोट से जुड़े अपने अनुभव लिखें।