ज़माने की कहन जो थी उसे करते चले आए थी जीवन भर की भरपाई उसे भर के चले आए Zamane ki kahan jo thi use karte chale aaye Thi jeevan bhar ki bharpaai use bhar ke chale aaye ज़रा क्या नाम तेरा आ गया था इस ज़बां पर फिर कई सागर मिरी इस आँख से बहते चले आए