Nojoto: Largest Storytelling Platform

किससे कहूं मैं पीर जीया की, कोई ना संगा कोई ना सहा

किससे कहूं मैं पीर जीया की,
कोई ना संगा कोई ना सहारा,
कहते हो तुम साथ हो कनैह्या,
फिर क्यों है पीड़ा क्यों ये दूरी? 

सबके मन तो तुम पहचानो,
प्रश्नों के उत्तर तुम जानो,
फिर भी क्यों मौन हो मोहन? 

एक बार इशारा कर दो ओ प्रीतम,
समझ न पाए इस माया जाल में,
कैसे जानू तुम संग हो रहते,
फिर क्यों है बेचैनी क्यों क्यों है खालीपन?

©Heer
  #loneliness #कृष्णप्रेम