मैं नहीं चाहती तुमसे महंगे तोहफ़े न मैं चाहती की तुम सब छोड़ दो मेरे लिए मैं बस चाहती हूँ तुम्हारा साथ मैं चाहती हूँ दुनियाँ की भीड़ में तुम थामो मेरा हाथ जहाँ सब छोड़ देते हैं वहाँ तुम देना मेरा साथ मैं चाहती हूँ तुम आओ फुर्सत लेके और बैठे रहो मेरे पास मैं चाहती हूँ तुम समझो मुझे और समझाओ मैं तुमसे तुम्हारे सिवा कुछ और नहीं चाहती। ©nikita kothari #tum_aur_mai #terasath