जाने अनजाने में, कई बार तुम को सताता हूं, शायद पता नहीं चलता, पर तुम्हारा दिल दुखाता हूं। हो सके तो मुझे माफ कर देना, मेरे लिए अपना मन साफ कर देना। तुमसे बेइंतेहा प्यार है, बस सिर्फ यही कह पाता हूं, तुम हमेशा मेरा साथ दो, बस इतना ही तो चाहता हूं। कहा था तुमने कि मैं बनारस का घाट हूं, सच में गंगा सी पवित्र तो तुम हो, हर एक पल मैं, जो रहा तुम्हारी बाट हूं, मेरी सांसों में महकता इत्र तो तुम हो। माना तुम मेरे पास नहीं होती और मैं तुम्हारे पास होता नहीं हूं, यह भी माना कि तुम्हारी याद में अक्सर, रात में मैं सोता नहीं हूं। यूं तो मेरे हर एहसास में हो तुम, आती जाती मेरी हर सांस में हो तुम, यूं तो मेरे हर जज्बात में हो तुम, जो भी मैं कहूं, मेरी हर उस बात में हो तुम, यूं तो मेरी हर धड़क में हो तुम, मेरे अकेलेपन की तड़प में हो तुम, इश्क और मोहब्बत क्या है क्या पता, पर प्यार के मोती को मैं खोता नहीं हूं, कहीं तुम मेरे आंसुओं में बह न जाओ, इसलिए रोना चाहूं तो भी मैं कभी रोता नहीं हूं। शायद कह ना पाऊं कभी तुमसे, पर यह प्रेम मेरा सत्य है, दुनिया अपना माने मुझे, पर सिर्फ आशिता का ही आदित्य है। ©Aditya Malpani आशिता का आदित्य..!!! #love #Light