धुआं धुआं सा है फैला यहाँ क्यों नहीं कोई इन नेताओं को है पूछता दम घुटने लगा है इस शहर में अब क्यों नहीं बादलों से बारिश का साथ छूटता आलीशान महलों में बैठे वो हैं अब भी करते हैं बहस लेकिन बदलाव नहीं करते जब जान पे आ जायेगी उनकी भी तब घमंड करना सिंहासन पर मरते मरते मैंने भी पूछा है एक सवाल सीधा सा राजनीति छोड़कर, क्यों नहीं पर्यावरण इनको सूझता!! #pollutiondelhi #savedelhi #saveenvironment #hindishayri