गर्मी चाहें कितनी भी हो हम नहीं रुकेंगे अकीदे नियत के साथ हम रोजे रखेंगे एक दिवार जो खडी़ है हमदोनो के दरमियान इस रमजान मे हमदोनो इस दिवार को गीरायेंगे इसबार दिवाली मे जलेंगे तुम्हारे घर पटाखे और ईद मे बिसमिल्लाह मेरे घर मनायेंगे तुम आना होली मे रंग से तर बतर होने और हम भी ईदगाह के चिमटे घर लायेंगे मै टोपियाँ पहनुंगा तुम भी साफे बांध के आना रंग ढंग कपड़े की अबकी बंदिशें गिरायेंगे श्याम के गीत गाना मेरे मंदिर में तुम तुम्हारे आंगन मे हम अब नाथ गुन गुनायेंगे राजीव मिश्रा"समन्दर"✍ #NojotoQuote Arun Raina खुशवंत नयनसी परमार