मेरे ख्यालो के अब वो जर्रे-जर्रे में है.… जिसका हक़ीक़त से अब कोई वास्ता नहीं... मैं धरती तो वो दूर नील-गगन सा मुझ में है.... मेरे दरिया का जैसे अब वो किनारा नहीं.... देखा करता था जिस चाँद को अपनी मुडेर से कभी.... आज समझ आया उस पर हक़ हमारा नहीं.... जिसे निहारा था जुगनुओं की रोशनी में कभी.... अब ये जाना के लकीरों में साथ हमारा नहीं..... जो आते थे सुन्हेरी यादों में लिपटे ख़्वाब मुझें.... के मालूम हुआ अब वो घर हमारा नहीं..... जो बुने थे नींदों ने ख़्वाब किस्सों के सहारे... वो पन्ना मेरी क़िताब का तो है पर हिकायत का नहीं.... — Kumar✍️ ©Kumar #Love #कभी_कभी_मेरे_दिल_मे_खयाल_आता_है #Nojoto #nojotowriters #nojotohindi #nojotourdu #Nojotoindia Amita Tiwari indira