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थक कर चूर हो जाता हूं दिन भर के काम से कभी कभी तो

थक कर चूर हो जाता हूं दिन भर के काम से
कभी कभी तो अपने से बहुत दूर हो जाता हूं 
दुनियां के ताम- झाम से
सुकून मिलता है बस एक तेरे नाम से
चंद पल जो बीतें तेरे साथ में
भूल जाता हूं दुनियां, खुद से मिल पाता हूं
जब होता हूं तेरे साथ मैं

©Dr  Supreet Singh
  #तुम्हारा_साथ_जन्नत_का_एहसास