लफ़्ज़ों को दबा लेना, बेफिक्र बने रहना उसका जो हो खसारा, तुम हर्फ तक ना कहना ये साफ़ गोयी मेरी, मुश्किल मे दाल देगी अब सीख लो हुनर ये, चुपचाप दुख को सहना निकला है चाँद फ़िर से, देखो तो आसमाँ पे आती नहीं है छत पर, माना शरम है गहना कब तक मैं ही मनाऊँ, उसके भी कुछ फरज़ है ग़र दोस्ती है बाकी, लाज़िम है आँसू बहना कितना बुरा ये होगा, टूटे गा दिल किसी का बोसीदा था ये रिश्ता, इक दिन उसे था ढहना फ़र्ज़ को कसदन faraz लिखा है Bosida= purana 😑सड़ा हुआ.. Bosida Imarat, Bosida pedh,.. #yqsayyed #yqsheroshayri #yqdidi #yqbhaijan #yqbaba