मेरे महबूब की ख्वाहिश थी हर सुबह हम निखारे उनका रूप क्या करें, सूरज जो ठहरे रोज उनके रुखसारो को किरन बनकर चूमती है मेरी धूप।। धूप निकलती है तो धरती का रंग खिल उठता है आसमाँ की रंगत बदल जाती है। कैसे #collab करें #yqdidi के साथ। #धूपनिकलीहै ... YQ Sahitya पर हिंदी साहित्य के उत्कृष्ट लेखकों की रचनाओं का आनंद उठाएँ। ज़रूर फ़ॉलो करें। #YourQuoteAndMine