Nojoto: Largest Storytelling Platform

रात को रजनी कहूं तो | चांद को चांदनी || तम को अंधे

रात को रजनी कहूं तो |
चांद को चांदनी ||
तम को अंधेरा कहूं मैं |
दिन को सादगी ||
सपनों को सच मानलूं मैं |
देह को अग्नि ||
तपता रहे तपिश की तपन से |
तो उभर कर निकले ||
{~असली जिंदगी~}
Gudvin.barche@g
रात को रजनी कहूं तो |
चांद को चांदनी ||
तम को अंधेरा कहूं मैं |
दिन को सादगी ||
सपनों को सच मानलूं मैं |
देह को अग्नि ||
तपता रहे तपिश की तपन से |
तो उभर कर निकले ||
{~असली जिंदगी~}
Gudvin.barche@g