ऐ सुबह इतना इतराकर कर गुस्ताखी ना कर बैठ जाना। कि तेरे फरेब मे चांद ढल कर तेरे इंतजार की घड़ियां गिन बैठे। - इट्स m00nl!ght#&unl!ght