उनकी याद में आज कुछ लिखती हूं लिखने से पहले कुछ सजती संवरती हूं जो हमेशा से उसको पसंद था वो हर सिंगार मैं करती हूं तारीफ़ के नगमे भी उनके लिए पढ़ती हूं आज उनकी याद में बहुत कुछ करती हूं दिल मे कुछ सवाल भी उमड़े हैं गए क्यूं अकेला छोड़ कर ये सोच आज भी डरती हूं यादें भी हसीन थी हर लम्हा बिताए पलों की आज भी सोच उनको चेहरे पे मुस्कान भरती हूं पास आने तक की बात से सांसे थम जाती हैं पिछले बिताए लम्हों को याद कर मैं आज भी आंहे भरती हू कभी मुस्कुराती हूं कभी आंखे नम करती हूं चलो उनकी याद मे आज कुछ लिखतीं हूं... ©Drx. Mahesh Ruhil #PoetInYou Beena Black heart