खबरों की खबर खुदगर्ज राजा धन के साथ, पलायन कर गया ! जनता पर कातिलों का, कहर बरप गया !! विमान की छतपे कुछ, कुछ पहियों पे लटके ! गिर कर मरने ही वाले हैं पर, फिर भी ना उतरे !! समझा होगा बेहतर, गिर के मरने का पर्याय ! भगवान ऐसे दिन कभी, किसी को न दिखाय !! कट्टरता बर्बरता धर्मांधता की, हो गई पराकाष्ठा ! मानवता के मानदंडों पर, ये खरा नहीं उतरता !! वक्त रहते दुनिया ने, गर त्यागी नही धर्मांधता ! कमोबेश परिणाम में ऐसा ही, मंजर उभर सकता !! दुनिया की सिकंदरी का, टूट गया सपना ! जी जान से जिसके साथ खड़े, वो था ही न अपना !! सिमट रही है आजकल, आका की औकात ! सारे साथ वालो की भी, बिगड रही हर बात !! सेर को सवा सेर, इक न इक दिन मिलता ! साजिशों से हथियाया, मिट्टी में जा मिलता !! जितना जल्दी जो जो सीख लेगा सबक ! उसके जीवन में न आयेगा, कोई ऐसा सबब !! कट्टरता मिटा के, फहराए मानवता की पताका ! कोई सोचे न अबसे, बनूंगा मैं जग का आका !! -आवेश हिन्दुस्तानी 16.8.2021 ©Ashok Mangal #KhabronKiKhabar #Afghanistan #AaveshVaani #America #Taliban