कृष्ण के प्रेम में दीवानी है दोनों कहलाती एक मीरा और एक राधा, एक ही प्रेम की भाषा के लिए है दोनों की अलग-अलग है परिभाषा। मीरा का प्रेम भक्ति से भरा कृष्ण से शुरू और कृष्ण पर ही खत्म है, राधा का प्रेम प्रेम से भरा चाहे कृष्ण का भी मन हर पल राधा का संग। मीरा का प्रेम समर्पण है मीरा को कृष्ण के प्रेम की नहीं भक्ति की चाह है, राधा कृष्ण की दीवानी कृष्ण मन राधा और राधा मन कृष्ण में बसा है। मीरा के प्रेम की ना अवधि है ना कोई परिधि ना अशिष्ट ना विशिष्ट है, राधा के प्रेम में कृष्ण के साथ की विशिष्टता है एक-दूजे पर अवलंबित है। ➡ प्रतियोगिता संख्या- 03 ➡ शीर्षक:- एक मीरा और एक राधा ➡ कोई शब्द सीमा नहीं है। ➡ इस प्रतियोगिता में आप सभी को इस शीर्षक पर collab करना है।