अपने ज़ख्म नहीं दिखाते किसीको, दिल में छिपा लेते हैं सभी ग़म मुस्कुराते रहते हैं हम सदा, चाहे आँखें हमारी हों कितनी भी नम दुनिया ने मारे हमें ताने हज़ार, करके सब नज़रअंदाज़ चुप रहे हम बुराई के बदले सबका अच्छा ही चाहा हमने, सच में पागल हैं हम — % & #मनःदोस्त #rztask253 #rzलेखकसमूह #restzone #collabwithrestzone #YourQuoteAndMine Collaborating with Shlok Shandilya