वो पिता है ज़नाब बिन कहे ही अपना हर फ़र्ज़ निभाता है, अपने कांधे पे सर रखके मुझे वो सुलाता है, जो मैं चाहूँ वो ख़िलौने ले आता है, हों भले जेबें उसकी खली पर भरके प्यार वो बेशुमार लाता है, होती है शिकन उसके चेहरे पर फिर भी मुस्कुराकर वो मेरा दिल बहलाता है, उसकी आँगन में बड़ी नाज़ों से पली मैं पिता के ना होने से घरका नीव बिखर जाता है, कैसे बयाँ करूँ वो दर्द जब एक पिता अपनी जान को दान कर देता है, और तुम सारी ज़िंदगी ये कोसते रह जाते हो की दहेज़ में सामान कितना कम आता है, वो पिता है ज़नाब बिन कहे ही अपना हर फ़र्ज़ निभाता है....✍ ©Anmol Anshu #FathersDay2021 #HappYFather'sDay Mere papa nahi hain lekin meri papa or maa ka farz meri maasimaa ne nibhaya hai.... hai kuch kahani jo apko hai sunani bas kavitaon ke zariye hi khudko aap tak pahuncha paati hun... ✍