दोस्त है तू मेरा यार है, मेरी दोस्त जो कहती है कि कभी हमे भी शायरी मे उतारिये मोहतरमा अब उनकी खुबसुरती के बारै मे बताये तो खुबसुरती भी बुरा मान जाये जब भी वो सुट पहनकर आये तो कालेज मे कयामत ठाये मुसकुराने मे सबको पिछे छोड जाये हमारे आगे झासी कि रानी खुद को वो बताती है पर दुसरो के आगे शरीफ नारी वो बन जाती है जब भी गुससा करु तो रहने दे poonki बोलती रहती है #for you Partibha beniwal