कुछ घटनाक्रम अति दुखद है परंतु बात उठी जहन में, तो बता रहा हूँ । 1. ऑक्सीजन की कमी से जानें गई. 2. शव स्ट्रेचर न होने से घसीट कर बिना पीपीए किट एम्बुलेंस श्मशान तक ले जाना पडा। 3. परिजनों को दूसरों के शव दिये गये। 4. जीवित के परिजन को मृत्यु प्रमाण पत्र दिया गया। 5. मद्रास उच्च न्यायालय ने चुनाव आयोग के अफसरों को दूसरी लहर के लिये जिम्मेदार ठहराते हुए कहा की संभवतः इन पर मर्डर चार्ज लगाना चाहिये। 6. मरणासन्न कोरोना बाधितों ने आत्मनिर्भता का नारा शायद सुना हो और दिल पर ले लिया हो, यमराज का ध्यान करके उन्हें व्यथा बता दी हो। 7. विरार और सूरत के अस्पतालों में आग में मरीजों के जल मरने की हृदय विदारक घटनाए हाल ही में हुई। मरणासन्न मरीजों की आत्मनिर्भरता के तहत यमराज से व्यथा बताने की तो ये घटनाए उनकी अंतिम इच्छा की पूर्ति के तहत तो नहीं, जहां रोगी अपने दाह संस्कार का इन्तजाम भी अस्पताल में खुद ही कर रहा है ©Ashok Mangal #corona #AaveshVaani #OxygenCrisis #ElectionCommission #MadrasHighCourt