एक ख़्वाब तुम जो हकीकत ना हुई। मेरी होते हुए किसी और की हो गई। ज़िन्दगी भर आँखों में सजती ही रही। वह रही अधूरी कभी वो पूरी ना हो सकी। जो ख़्वाब उनका आँखों में नज़र आया। मेरा प्यार हमेशा उनसे बेखबर ही रहा। मेरी पलकों पर आज़ भी तेरे ख़्वाब सजते ही दिल तड़प उठता है। अक्सर हम बेताब होकर दिल मेरा बेचैन हो जाता है। आज़ भी तेरे ख़्वाब अक्सर मुझे सताते हैं। आँखों में मेरे फ़िर आँसू बेहिसाब बहते हैं। ♥️ मुख्य प्रतियोगिता-1002 #collabwithकोराकाग़ज़ ♥️ इस पोस्ट को हाईलाइट करना न भूलें! 😊 ♥️ दो विजेता होंगे और दोनों विजेताओं की रचनाओं को रोज़ बुके (Rose Bouquet) उपहार स्वरूप दिया जाएगा। ♥️ रचना लिखने के बाद इस पोस्ट पर Done काॅमेंट करें।