मेरा शहर अब वैसा नही है ..... (read caption 👇) मेरा शहर अब वैसा नहीं हैं सुबह-सुबह माँ का आँगन में पानी छिड़काना आैर मिट्टी की उस नायाब खुशबू का मेरी साँसाे में बसे चले जाना.... क्योंकि अब तो टाइल्स का आ गया था जमाना..... अब अँधूरा रह जाता है मेरी उस मिट्टी की खुशबू वाला फ़साना.... क्याेंकि मेरा शहर अब वैसा नही है मुश्किल हैं अब वैसा सुकून मिल पाना