तुम्हे अफसोस शायद पता नहीं इक अरसा हुआ है हमें चा

तुम्हे अफसोस 
शायद पता नहीं
इक अरसा हुआ है
हमें चांद देखे हुए
न जाने कब अमावस की काली छटा
अपना साया हटाएगी
न जाने कब तेरी ख्वाहिश
मेरी ख्वाहिश बन पायेगी

©ADiL KHaN (शहज़ादा)
  #cycle #oldlove #missher
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