,,,, ये दो आंखें सिर्फ अस्तित्व की भौतिकता दिखा सकती हैं, मगर अपने भीतर देखने के लिए आपको तीसरी आंख चाहिए, वो तीसरी आंख हमारे माथे पर नहीं खुलने वाली, उसे हम अपने मन , विचार, और भावनाएं को ध्यान के द्वारा रोक कर देख सकते है और महसूस कर सकते है,,,, Mr,, ABHIJIT #ineer world