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एक दिन शेखचिल्ली कुछ लड़कों के साथ , अपने कस्बे के

एक दिन शेखचिल्ली कुछ लड़कों के साथ , अपने कस्बे के बाहर एक पुलिया पर बैठा था । तभी एक सज्जन शहर से आए और लड़कों से पूछने लगे , क्यों भाई , शेख साहब के घर को कौन - सी सड़क गई है ? शेखचिल्ली के पिता को सब शेख साहब कहते थे । उस गाँव में वैसे तो बहुत से शेख थे , परंतु शेख साहब चिल्ली के अब्बाजान ही कहलाते थे । वह व्यक्ति उन्हीं के बारे में पूछ रहा था । वह शेख साहब के घर जाना चाहता था । परन्तु उसने पूछा था कि शेख साहब के घर कौन - सा रास्ता जाता है । शेखचिल्ली को मजाक सूझा । उसने कहा , क्या आप यह पूछ रहे हैं कि शेख साहब के घर कौन - सा रास्ता जाता है ? हाँ हाँ , बिल्कुल उस व्यक्ति ने जवाब दिया । इससे पहले कि कोई लड़का बोले , शेखचिल्ली बोल पड़ा , इन तीनों में से कोई भी रास्ता नहीं जाता । तो कौन - सा रास्ता जाता है ? कोई नहीं क्या कहते हो बेटे ? शेख साहब का यही गाँव है न ? वह इसी गाँव में रहते हैं न ? हाँ , रहते तो इसी गाँव में हैं । मैं यही तो पूछ रहा हूँ कि कौन - सा रास्ता उनके घर तक जाएगा । साहब , घर तक तो आप जाएँगे । शेखचिल्ली ने उत्तर दिया , यह सड़क और रास्ते यहीं रहते हैं और यहीं पड़े रहेंगे । ये कहीं नहीं जाते । ये बेचारे तो चल ही नहीं सकते । इसीलिए मैंने कहा था कि ये रास्ते , ये सड़कें कहीं नहीं जाती । यहीं पर रहती हैं । मैं शेख साहब का बेटा चिल्ली हूँ । मैं वह रास्ता बताता हूँ , जिस पर चलकर आप घर तक पहुँच जाएँगे । अरे बेटा चिल्ली , वह आदमी प्रसन्न होकर बोला , तू तो वाकई बड़ा समझदार

©AR gemr कामुक कहानिया 

#hills
एक दिन शेखचिल्ली कुछ लड़कों के साथ , अपने कस्बे के बाहर एक पुलिया पर बैठा था । तभी एक सज्जन शहर से आए और लड़कों से पूछने लगे , क्यों भाई , शेख साहब के घर को कौन - सी सड़क गई है ? शेखचिल्ली के पिता को सब शेख साहब कहते थे । उस गाँव में वैसे तो बहुत से शेख थे , परंतु शेख साहब चिल्ली के अब्बाजान ही कहलाते थे । वह व्यक्ति उन्हीं के बारे में पूछ रहा था । वह शेख साहब के घर जाना चाहता था । परन्तु उसने पूछा था कि शेख साहब के घर कौन - सा रास्ता जाता है । शेखचिल्ली को मजाक सूझा । उसने कहा , क्या आप यह पूछ रहे हैं कि शेख साहब के घर कौन - सा रास्ता जाता है ? हाँ हाँ , बिल्कुल उस व्यक्ति ने जवाब दिया । इससे पहले कि कोई लड़का बोले , शेखचिल्ली बोल पड़ा , इन तीनों में से कोई भी रास्ता नहीं जाता । तो कौन - सा रास्ता जाता है ? कोई नहीं क्या कहते हो बेटे ? शेख साहब का यही गाँव है न ? वह इसी गाँव में रहते हैं न ? हाँ , रहते तो इसी गाँव में हैं । मैं यही तो पूछ रहा हूँ कि कौन - सा रास्ता उनके घर तक जाएगा । साहब , घर तक तो आप जाएँगे । शेखचिल्ली ने उत्तर दिया , यह सड़क और रास्ते यहीं रहते हैं और यहीं पड़े रहेंगे । ये कहीं नहीं जाते । ये बेचारे तो चल ही नहीं सकते । इसीलिए मैंने कहा था कि ये रास्ते , ये सड़कें कहीं नहीं जाती । यहीं पर रहती हैं । मैं शेख साहब का बेटा चिल्ली हूँ । मैं वह रास्ता बताता हूँ , जिस पर चलकर आप घर तक पहुँच जाएँगे । अरे बेटा चिल्ली , वह आदमी प्रसन्न होकर बोला , तू तो वाकई बड़ा समझदार

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