जीवित होती मातृभाषा हर हाथ को काम होता भ्रष्टाचार नही होता व्यभिचार नही होता.. देश बदलता.. लोग बदलते हाहाकार नही होता दल हित से देश हित होता सर्वोपरि होता शिक्षा का उजियारा ना कही अंधकार होता .. दंश जातिवाद का होता नही दंभ लोगो मै होता नही .. संस्कारी होता युवा मात-पिता का तिरस्कार होता नहीं राम नाम पर राजनीति नही .. लोगो के दिलो पर राज करते राम .. " वैष्णव जन तो तेने कहियो पीर पराई जाणे रे " जय हिंद महात्मा गाँधी १५० वीं जयंती पर सादर नमन #गाँधी