वाह ! रे क़लम तेरा भी क्या जवाब हैं, मौन शक्ति से तलवार की भांति करती हलाल हैं, कई तो इसकी तेज धार के दीवाने हैं, तो कइयों के मन मस्तिष्क को करती बेहाल हैं, आज जो स्वतंत्रता का चोला हमनें ओढ़ा हैं, वो सब इसकी मौन शक्ति का ही कमाल हैं, क़लम का कमाल। #क़लम #क़लमकार #स्वतंत्र #क़लम_ए_ख़ास