वृद्धावस्था असल प्रेम की सत्य प्रतिष्ठा वृद्धावस्था ने पाई है थरथराती हाँथों से जब कपकपाते नैन मिलाई है उस इश़्क की करती बात प्रिये, जो जिस्म नहीं रूहों का साथी है वो बोल अमर कर जाते है जो वृद्धावस्था पाते है प्रिय की प्रिया बन पाँऊ, मैं भी वहीं अभिलाषी हूँ सत्य,सहयोग व अपने पन में वृद्धा सहपाठी बन पाँऊ।। ©isha rajput #प्रेम #वृद्धावस्था #Life #Nojoto #Love Jugal Kisओर VAniya writer *