तकरारें इस कदर बढ़ा ली उन्होंने हमसे , कि अब रातों के ख्वाबों से भी तालुकात तोड़ लिए हमसे ! ©Anil Makwana (mere_Alfaz) #_तालुकात_तुमसे_नहीं_रुह_से_है_! #_dil_e_alfaz #_ख्वाब