वो भी पत्थर जैसी थी पर तुम भी पत्थर जैसी निकलीं चाकू-वाकू ,ख़ंजर-वंजर , नस्तर-वस्तर ,जैसी निकलीं हँसना-वसना , रोना-वोना , झगड़ा-वगड़ा , मेरे जैसा तुम तो उससे बेहतर थी , पर उससे बत्तर जैसी निकलीं ©सुल्तान मोहित बाजपेयी #अस'आर #NojotoHindi #NojotoMystory #EmotionalHindiQuotestatic #Author #Quotes #Kalakaksh #Kavishala #shayari #poetry