जलजले क्या सोचते हैं, वो कश्तियां डुबा देंगे। क्या औकात तूफानों की, जो बस्तियां उड़ा देंगे। हम नौजवां हैं, ऐ सियासत जरा संभल कर, वक़्त गवाह है, जो बिफरे तो फिर धज्जियां उड़ा देंगे।। ©Raghavendra prakash Rawat "तन्हा" #sher #ghazal #matla #sarkar #YUVA #tufan #Inquilab Author shivam kumar mishra Ritika Singh Ritika Singh Shikha Sharma Author shivam kumar mishra