माॅं का वात्सल्य जग में, हीरे से अनमोल। पाया ना कोई चुका, कोहिनूर का मोल।। माॅं सब दु:ख सहती रही, पड़ी नहीं कमजोर। चेहरे पर मुस्कान थी, भीतर-भीतर शोर।। सदा माॅं से हमें मिला, उनका अटूट प्यार। लादे-लादे वह फिरे, चिंताओं का भार।। सागर तेरे प्रेम का, रहता सदा अथाह। रास्ते हों बंद फिर भी, बना देती वो राह।। ©रिंकू मोगरे #mom #mymom #Nojoto #ktunsalv #mogarealfaz #Nojoto2liner #doha #poem #mymother #MothersDay