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ये कैसा वक्त है की अब अपना ही घर पराया लगता है

ये कैसा वक्त है 

की अब अपना  ही घर  पराया लगता है।
सारी उमर तो गुजारी है यांह
फिर अब क्यों किसी और का साया लगता है ।

ये कैसा वक्त है 

कल तक तो गूंजती थी यहां मेरी किलकारी ।
हर कोई कहता था मैं हूं इस घर की दुलारी ।
जब कभी हुआ करती थी मैं इस घर की जान।
फिर सब क्यों कर रहे आज मुझे अनजान ।

ये कैसा वक्त है 

कोई बतायेगा ये जो  आज मैं जा रही हूं खोने।
इससे बड़ा और कुछ होगा क्या अनहोने ?

ये कैसा वक्त है..........

©kanisha #agni #Betiyan #lifeofgirls #leavinghome #feelinghomeless #girlwedding
ये कैसा वक्त है 

की अब अपना  ही घर  पराया लगता है।
सारी उमर तो गुजारी है यांह
फिर अब क्यों किसी और का साया लगता है ।

ये कैसा वक्त है 

कल तक तो गूंजती थी यहां मेरी किलकारी ।
हर कोई कहता था मैं हूं इस घर की दुलारी ।
जब कभी हुआ करती थी मैं इस घर की जान।
फिर सब क्यों कर रहे आज मुझे अनजान ।

ये कैसा वक्त है 

कोई बतायेगा ये जो  आज मैं जा रही हूं खोने।
इससे बड़ा और कुछ होगा क्या अनहोने ?

ये कैसा वक्त है..........

©kanisha #agni #Betiyan #lifeofgirls #leavinghome #feelinghomeless #girlwedding
kajalkumari2287

kanisha

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