मेरी हार से उसकी जीत का कद बढता रहा। उसकी ज़िद थी जीतने की इसलिए मैं हारता रहा। जीतने वाला भी अपनी खुशी भुल मुझे ही निहारता रहा। हार के भी खुद को इतनी खुशी से सरहाता रहा। किसी तरह मैं उस हार से खुद को उबारता रहा। मैं सब कुछ हार के भी खुद को सवारता रहा। हारकर भी हौसले बुलंद थे इसलिए लड़ता रहा। रोज चढ़ने की ज़िद थी इसलिए गिरता रहा रोज मैं अपनी हद से आगे बढ़ता रहा। कोशिश थी रोकने की मगर मैं चलता रहा। ©Chanky Rohira #MereKhayaal #Hindi #Nojoto #Quotes #jeet