कितने अरसो से सिर्फ वक़्त ही चलता था, ज़िंदगी तो मेरी वहांँ पर ही रुकी थी, आपके आ जाने से मेरी ज़िंदगी में बहार आई, और इस बेज़ान दिल में नयी जान आई। इतने सालों में ली इम्तिहाँ, वक़्त की हर घड़ी ने हमारी, अकेला बहुत टूटा मैं, दर्द भी झेला, लेकिन सिर्फ तेरे इंतज़ार में जिंदा रहा। दिल में तेरी ख़्वाहिश थी, नई साँसों की रवानगी थी, आँखों को फिर से तलाश थी तुम्हारी, और एक दिन सच में तुम आई । तुम्हारे फिर से आ जाने से, मेरी सदियों का इंतज़ार पल भर में सिमटा, थी रुकी रुकी सी जिंदगी मेरी, तेरी दस्तक से, इस ज़िंदगी में दुबारा जीने का मक़सद मिला। -Nitesh Prajapati ♥️ मुख्य प्रतियोगिता-1087 #collabwithकोराकाग़ज़ ♥️ इस पोस्ट को हाईलाइट करना न भूलें! 😊 ♥️ दो विजेता होंगे और दोनों विजेताओं की रचनाओं को रोज़ बुके (Rose Bouquet) उपहार स्वरूप दिया जाएगा। ♥️ रचना लिखने के बाद इस पोस्ट पर Done काॅमेंट करें।