Nojoto: Largest Storytelling Platform

खोलते हैं आंखें तुम्हें सोच कर लेते हैं सांस तुम्ह

खोलते हैं आंखें तुम्हें सोच कर
लेते हैं सांस तुम्हारे प्यार की खुशबू मूंग कर
नस नस में बहती हो लहू की तरह
 धड़कन भी चलती है तुम्हें छू कर
ना सोचना जी पाएंगे हो कर दूर तुम से
ये सांस भी जायेगी तो जायेगी तुम्हें सोच कर

©Dr  Supreet Singh
  #तुम_से_ही