न चाहते हुए भी हंसी हूँ आजकल मैं खुद को थोड़ी अजनबी लगी हूँ लम्बी लम्बी बातो पर खीजते खीजते बची हूँ आजकल मैं हर कीसी को अपनी लगी हूँ बस भीतर कुछ मर गया उसकी बैचेनी में दिन रात लड़ी हूँ आजकल मैं खुद को थोड़ी अजनबी लगी हूँ कहाँ गया वो वेबाकी वो बचपना आजकल खुद को पाने की जिद में बहुत पीछे दीखि हूँ मैं खुद को बहुत दिनों से नहीं मिली हूँ #NojotoQuote