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फूल बनकर पास बिखर जाती है सुकून बनकर शब्दों में उत

फूल बनकर पास बिखर जाती है
सुकून बनकर शब्दों में उतर जाती है
जब भी कुछ लिखती है yq पर मित्रो
व्यावहारिकता की महक फैल जाती है । Dedicating a #testimonial to Laxmi Pathakजी से मिलीये व्यावहारिकता के सौंदर्य की एक सशक्त अभिव्यक्ति ।
सहज सरल शब्दों में लिखते पाया है।
इस दीन दुनिया से दूर थोड़ी देर किसी को खुद के साथ मुस्कुराते पाया है ।
अनुभव की असीम समुद्र जो अपने लेखन अमृत से सबको अभिभूत करती रहती हैं।
ऐसी परम सात्विक नारी को मेरा प्रणाम ।
मुझ पर अपना आशीर्वाद सदैव बनाए रखें।
हरे कृष्ण !
🌸🌼🙏🙏🙏🙏🍹🌼🌹🌹☺☺🍂🏵🌸🌼🌹🌼🌸🍹
फूल बनकर पास बिखर जाती है
सुकून बनकर शब्दों में उतर जाती है
जब भी कुछ लिखती है yq पर मित्रो
व्यावहारिकता की महक फैल जाती है । Dedicating a #testimonial to Laxmi Pathakजी से मिलीये व्यावहारिकता के सौंदर्य की एक सशक्त अभिव्यक्ति ।
सहज सरल शब्दों में लिखते पाया है।
इस दीन दुनिया से दूर थोड़ी देर किसी को खुद के साथ मुस्कुराते पाया है ।
अनुभव की असीम समुद्र जो अपने लेखन अमृत से सबको अभिभूत करती रहती हैं।
ऐसी परम सात्विक नारी को मेरा प्रणाम ।
मुझ पर अपना आशीर्वाद सदैव बनाए रखें।
हरे कृष्ण !
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