वजह बेवजह सी जिंदगी कुछ हो गई है हमारी जाने किस वजह से तुम से जुड़ गई है जिंदगी हमारी बेवजह ही तेरे कन्धे पर सिर रख के सोना चाहती हूंँ मैं क्या बताऊं वजह मगर आज रोना चाहती हूं मैं तू इशारा तो कर तेरी उर्म भर के लिए होना चाहती हूँ मैं देख चाहता भी है ये अम्बर ये नदी का बहता पानी हम दोनों की भी बनेंगी एक दिन प्रेम कहानी मेरी वजह बेवजह जो भी हो तुम हो और तुम से ही मेरी सारी जिंदगानी Challenge-126 #collabwithकोराकाग़ज़ 8 पंक्तियों में अपनी रचना लिखिए :) #वजहबेवजहसी #कोराकाग़ज़ #yqdidi #yqbaba YourQuote Didi YourQuote Baba Aरिफ़ Aल्व़ी #YourQuoteAndMine Collaborating with कोरा काग़ज़ ™️