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कुछ रूठी सी है तक़दीर कुछ धुंधली सी है मंज़िल कुछ ल

कुछ रूठी सी है तक़दीर
कुछ  धुंधली सी है मंज़िल
कुछ लड़खड़ाये से हैं कदम
कुछ अंदर  बिखरा सा है
कुछ आस सी टूटी है
आज कल ज़िंदगी फिर रूठी रूठी सी है| #Feeling #Pain
कुछ रूठी सी है तक़दीर
कुछ  धुंधली सी है मंज़िल
कुछ लड़खड़ाये से हैं कदम
कुछ अंदर  बिखरा सा है
कुछ आस सी टूटी है
आज कल ज़िंदगी फिर रूठी रूठी सी है| #Feeling #Pain