कुछ रूठी सी है तक़दीर कुछ धुंधली सी है मंज़िल कुछ लड़खड़ाये से हैं कदम कुछ अंदर बिखरा सा है कुछ आस सी टूटी है आज कल ज़िंदगी फिर रूठी रूठी सी है| #Feeling #Pain