मै (विराज़) बुरा तो होता है बहोत मेरे साथ पर मैं बुरा करने वालों के साथ भी बुरा कभी करता नही। न जाने एक ज़िद सवार है दुनिया का सबसे अच्छा इंसान बनने की शायद इसलिए ही पलटकर मैं किसी को जवाब कभी देता नही। रहती है हमेशा इस विराज़ की बस इतनी सी ही कोशिश की हर तरफ बस मोहोब्बत ही मोहोब्बत फैलाए। और जिस तरह जीता है ख़ुद एक अच्छा इंसान बनकर वैसे ही दूसरों को भी जीना सिखाए। मैं-विराज