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■ ईश्वर को समर्पित: हर शय की हो शुरुआत तुम, हर श

■ ईश्वर को समर्पित: 
हर शय की हो शुरुआत तुम, 
हर शय का अंत भी तुम हो;
इस सृष्टि का हो केन्द्र तुम,
उसकी परिधि भी तुम हो;
हर कर्म का हो स्त्रोत तुम 
उसकी परिणति भी तुम हो।

©HintsOfHeart.
  #ईश्वर