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ग़ज़ल बह्र : मुफ़ाई-मुफ़ाई-मुफ़ाई तिरे आने के बाद कु

ग़ज़ल 
बह्र : मुफ़ाई-मुफ़ाई-मुफ़ाई 

तिरे आने के बाद कुछ कुछ 
सुधर सी गयी दिल की दुनिया

                       हवस की तमन्ना में आख़िर 
                        भुला दी गयी दिल की दुनिया

मुसलसल मुहब्बत के दौरान 
तपड़ती गयी दिल की दुनिया

                        बुरी ही निकलनी थी,  तन से 
                       निकाली गयी दिल की दुनिया

किया हुस्न को और सुन्दर 
जहाँ भी गयी दिल की दुनिया

                    कलेजा गया माँ का आधा 
                     प' पूरी गयी दिल की दुनिया

लड़कपन का वो प्यार जिस पर 
लुटा दी गयी दिल की दुनिया
---गगन मुदगल part 2/2 
#post #NojotoIIITM #IIITMNOJOTO
#Gwalior #NojotoGwalior
ग़ज़ल 
बह्र : मुफ़ाई-मुफ़ाई-मुफ़ाई 

तिरे आने के बाद कुछ कुछ 
सुधर सी गयी दिल की दुनिया

                       हवस की तमन्ना में आख़िर 
                        भुला दी गयी दिल की दुनिया

मुसलसल मुहब्बत के दौरान 
तपड़ती गयी दिल की दुनिया

                        बुरी ही निकलनी थी,  तन से 
                       निकाली गयी दिल की दुनिया

किया हुस्न को और सुन्दर 
जहाँ भी गयी दिल की दुनिया

                    कलेजा गया माँ का आधा 
                     प' पूरी गयी दिल की दुनिया

लड़कपन का वो प्यार जिस पर 
लुटा दी गयी दिल की दुनिया
---गगन मुदगल part 2/2 
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