बारहा मिलती नज़र तक़दीर से बारहा कटते रहे शमशीर से! बारहा सुनता रहा सरगोशियाँ बारहा जलते रहे तासीर से! बारहा उनकी हमें परछाइयाँ बारहा लुटती रही तदबीर से! बारहा उनका पलटना याद है बारहा मुझको दरद उस पीर से! बारहा दर्दे जिगर उठता रहा बारहा उड़ती नज़र तस्वीर से! बारहा दिल ज़ख़्म लेकर के चले बारहा तड़पे नज़र के तीर से! ©shubhendrakumarJ..✍🏻 #शुभाक्षरी #बारहा #नज़र #Nozoto_hindi