सोचा था साथ देगा वो मेरा हर फैसले में मेरे खुशियाँ में भी चाहे हो गम के घेरे पर वो तो सवाल है उठाता बदन पे मेरे है ये गलती मेरी जो लोग देखते मुझे दिखती मैं खराब कहता हर वक्त मुझे सुन्दरता उसको मेरी नजर न आती बस ऐब ही उसको दिखते सेक्सी कहते उसको जो कोई पहने मैं जो पहनूँ तो बुढ़िया है कहते समझ गया मन ये मेरा कोई नही है ऐसा जो लगे अपने दुनिया है झूठी सारे वादे भी उसके झूठे दुखता दिल मेरा जैसे सीने खंजर है चुभते बदल दू खुद को सब ऐसा ही चाहे मन मर गया मेरा अब दिल जीना ना चाहे। (व्यथा हर लड़की की ) सोचा था साथ देगा वो मेरा हर फैसले में मेरे खुशियाँ में भी चाहे हो गम के घेरे पर वो तो सवाल है उठाता बदन पे मेरे है ये गलती मेरी