टूट चूका हूँ बिखरना बांकी है, बचे कुछ एहसास जिनका जाना बांकी है, चंद सांसें है जिनका आना बांकी है, मौत रोज मेरे सिरहाने खड़ी हो पूछती है भाई आ जा, अब क्या देखना बांकी है ©Pankaj ke kalam se tut chuka hu #BatBall