यूँ तो दोस्ती उम्र देखती नही मगर पक्की यारियाँ कच्ची उम्र में हुआ करती हैं बढ़ती उम्र और जिम्मेदारियों के साथ दोस्ती करने और निभाने का तरीका भी बदल जाता है। लड़कपन में जहाँ हम दोस्ती को ज़िंदगी का हिस्सा मानते हैं वहीं वयस्क होने पर ज़िंदगी का बचा हुआ हिस्सा भी दोस्ती को नही दे पाते। एक समय होता है जब दोस्त से मिले बिना दिन पूरा नही होता वहीं एक समय ऐसा होता है जब दोस्त से मिले या बात किए हुए महीनों या सालों निकल जाते हैं। #amit #friendship #friends #amitmaun